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Khabar नई दिल्लीः राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटूश्यामजी मंदिर, जो बाबा श्याम के भक्तों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है, अब और भी सुलभ होने जा रहा है। रेल मंत्रालय ने खाटूश्यामजी के पास एक नए रेलवे स्टेशन के निर्माण की योजना को मंजूरी दे दी है, जिससे देशभर से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को सीधे मंदिर तक पहुंचने में सुविधा होगी। यह परियोजना न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगी।
वर्तमान में, खाटूश्यामजी मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन रींगस जंक्शन है, जो मंदिर से लगभग 17-18 किलोमीटर दूर स्थित है। ट्रेन से आने वाले भक्तों को रींगस से बस, टैक्सी या ऑटो के जरिए मंदिर तक का सफर तय करना पड़ता है, जिससे समय और असुविधा होती है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए, रेलवे ने रींगस से खाटूश्यामजी तक 17.49 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन बिछाने का फैसला किया है। इस परियोजना पर लगभग 254.07 करोड़ रुपये की लागत आएगी, और इसका निर्माण मार्च 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है।
मात्र 1.5 किलोमीटर दूर बनेगा स्टेशन
नया रेलवे स्टेशन खाटूश्यामजी मंदिर से मात्र 1.5 किलोमीटर की दूरी पर, चारण मैदान से 100 मीटर दूर केरपुरा-लामियां रोड के पास बनाया जाएगा। स्टेशन का डिजाइन मंदिर की थीम पर आधारित होगा, जिसमें प्रवेश द्वार मंदिर के गुंबद की तरह होगा और शेखावाटी क्षेत्र की सांस्कृतिक पेंटिंग्स इसे और आकर्षक बनाएंगी। यह स्टेशन न केवल सुविधाजनक होगा, बल्कि सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व को भी दर्शाएगा।
इस रेलवे लाइन के निर्माण से भक्तों को सीधे खाटूश्यामजी पहुंचने की सुविधा मिलेगी, खासकर फाल्गुन मेले के दौरान, जब लाखों श्रद्धालु बाबा श्याम के दर्शन के लिए आते हैं। रेलवे ने यह भी सुनिश्चित किया है कि इस रूट पर कोई लेवल क्रॉसिंग न हो, ताकि ट्रेनों की गति में बाधा न आए। इसके अलावा, रेलवे सालासर और सुजानगढ़ जैसे अन्य धार्मिक स्थलों को भी इस रेल लाइन से जोड़ने की योजना बना रहा है, जिससे राजस्थान में धार्मिक पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा।
हवाई यात्रा करने वाले भक्तों के लिए भी यह स्टेशन लाभकारी होगा, क्योंकि जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जो खाटूश्यामजी से 90 किलोमीटर दूर है, से ट्रेन के जरिए आसानी से मंदिर तक पहुंचा जा सकेगा। स्थानीय लोगों और मंदिर समिति ने इस परियोजना का स्वागत किया है और इसे भक्तों के लिए एक ऐतिहासिक कदम बताया है।
हालांकि, कुछ चुनौतियां भी सामने आई हैं। जमीन अधिग्रहण और सियासी मुद्दों के कारण परियोजना में देरी की आशंका जताई जा रही है। फिर भी, रेलवे ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है और निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की उम्मीद है। यह रेलवे स्टेशन न केवल खाटूश्यामजी के भक्तों के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।