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दिल्ली : मुस्तफाबाद इलाके में शुक्रवार देर रात एक दुखद हादसा हुआ, जब शक्ति विहार कॉलोनी में एक चार मंजिला रिहायशी इमारत अचानक भरभराकर ढह गई। यह घटना रात करीब 2:50 बजे की बताई जा रही है, जिसने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। स्थानीय लोगों के अनुसार, इमारत के मलबे में कई लोग दब गए, और अनुमान है कि 15 से 20 लोग इस हादसे का शिकार हुए हैं। हादसे की सूचना मिलते ही राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), दिल्ली पुलिस, दमकल विभाग, और डॉग स्क्वॉड की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और बचाव कार्य शुरू किया।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि रात के सन्नाटे में अचानक तेज आवाज के साथ इमारत धराशायी हो गई, और आसपास के क्षेत्र में धूल का गुबार छा गया। कुछ लोगों ने इसे भूकंप समझकर घरों से बाहर भागने की कोशिश की, लेकिन जल्द ही स्थिति स्पष्ट हो गई। इमारत 22 साल पुरानी थी और इसमें कई परिवार रहते थे, जिनमें किराएदार भी शामिल थे। एक स्थानीय निवासी ने बताया कि इमारत की नींव कमजोर होने की शिकायत पहले भी की गई थी, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
चार शव बरामद अन्य की तलाश जारी
दिल्ली अग्निशमन सेवा के डिविजनल फायर ऑफिसर राजेंद्र अटवाल ने बताया, “हमें रात करीब 2:50 बजे सूचना मिली कि एक इमारत ढह गई है। हमारी टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और पाया कि पूरी इमारत मलबे में बदल चुकी है। बचाव कार्य में एनडीआरएफ और पुलिस की मदद ली जा रही है।” अब तक 14 लोगों को मलबे से निकाला जा चुका है, जिनमें से चार की मौत की पुष्टि हो चुकी है। मृतकों में दो महिलाएं और दो पुरुष शामिल हैं, जिनकी पहचान चांदनी, दानिश, रेशमा, और नावेद के रूप में हुई है। बाकी घायलों को नजदीकी जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
हादसे का कारण अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि शुक्रवार रात दिल्ली में हुई तेज आंधी और बारिश ने इमारत की कमजोर संरचना को और नुकसान पहुंचाया हो सकता है। एक चश्मदीद ने बताया कि इमारत का प्लॉट ‘L’ आकार का था, जो संभवतः इसके ढहने का एक कारण हो सकता है। प्रशासन ने इस घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं, और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
स्थानीय लोगों और रेस्क्यू टीमों के बीच समन्वय से बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। कई परिवार अपने परिजनों की तलाश में मौके पर मौजूद हैं, और उनका रो-रोकर बुरा हाल है। भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने इस हादसे पर दुख जताते हुए कहा, “यह एक दुखद घटना है। मैं प्रभावित परिवारों के साथ हूं और सरकार से इसकी गहन जांच की मांग करता हूं।”
यह हादसा दिल्ली में पुरानी और जर्जर इमारतों की सुरक्षा पर सवाल उठाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि समय-समय पर इमारतों का निरीक्षण और रखरखाव जरूरी है, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। प्रशासन ने लोगों से अफवाहों से बचने और बचाव कार्य में सहयोग करने की अपील की है। फिलहाल, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, और मलबे में फंसे अन्य लोगों को निकालने की कोशिश की जा रही है।