नई दिल्ली:- दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियां अब सड़कों पर दिखाई देने लगी है। एक तरफ आम आदमी पार्टी है और एक तरफ भारतीय जनता पार्टी दोनों ही अपने अपने तरीकों से जनता को रिझाने में जुट गई है। दिल्ली विधानसभा की सभी 70 सीटों पर इ बार मुकाबला दिलचस्प है, लेकिन पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी की विधानसभा बदरपुर इस बार खासा चर्चा का कारण है। केजरीवाल की प्रचंड लहर के बीच भी भाजपा ने यह सीट अपने नाम कर ली थी और शायद यही कारण है की इस सीट से जीते बिधूड़ी जी नेता प्रतिपक्ष और अब सांसद बन गए हैं। लोकसभा चुनाव जिताने के बाद इस सीट पर भाजपा को दूसरे प्रत्याशी की जरूरत है और इसपर अभी मंथन चल ही रहा है। इस बार इस सीट को जीतने के लिए आम आदमी पार्टी खासा जोर लगा रही है पहली ही लिस्ट में प्रत्याशी की घोषणा और मुख्यमंत्री व पूर्व मुख्यमंत्रियों का रोड़ शो इस सीट की अहमियत को दिखा रहा है।
पूर्व प्रदेश मंत्री सुर्यभान पांडे प्रवल दावेदार
बदरपुर विधानसभा में एक समय पर लड़ाई कांग्रेस और एनसीपी की हुआ करती थी क्षेत्र में भाजपा का वर्चस्व स्थापित करने वाले वरिष्ठ और दिग्गज नेताओं में पूर्व प्रदेश मंत्री सुर्यभान पांडे का नाम आता है। पूर्व प्रत्याशी रहे सुर्यभान पांडे इस बार इस सीट पर भाजपा से पहला नाम हो सकते हैं, क्योंकि भाजपा ने इन्हीं के बदले रामबीर सिंह को मौका दिया था चूंकि अब रामवीर सिंह सांसद है तो पांडे को उनकी टिकट वापस मिल सकती है।
प्रवासी पूर्वांचल वोटो की बढ़त
बदरपुर विधानसभा म समय पर क्षेत्रीय वोटरों से आबाद था लेकिन अब इस सीट पर पूर्वांचल और देश के अन्य हिस्सों से आए प्रवासी वोटरों का दबदबा साफ दिखाई देता है। इस सीट पर प्रवासी वोट सत्ता पलट की ताकत रखता है। सूर्यभान पांडे का क्षेत्रीय वोटरों के साथ ही प्रवासी वोटरों पर बहुत मजबूत पकड़ है। इसका अच्छा उदाहरण इस बार लोकसभा चुनाव में देखने को मिला, प्रत्याशी रामबीर सिंह बिधूड़ी के कदम से कदम मिलाकर प्रचार में साथ देने का ही प्रभाव था की जीत प्रचंड बहुमत से हुई।
भाजपा दिल्ली में देगी 15 पूर्वांचल टिकट
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा इस बार 15 से अधिक पूर्वांचल टिकट देने की तैयारी में है यह भी एक बड़ा कारण है की सूर्यभान पांडे को बदरपुर विधानसभा से टिकट मिल सकता है। बदरपुर विधानसभा पूर्वांचल वोटरों से प्रभावित क्षेत्र है। बदरपुर गांव, मोलडबंद, जैतपुर, खड्डा कालौनी, मीठापुर ताजपुर आदि क्षेत्रों में प्रवासी लोगों की संख्या बहुत अधिक है।