नोएडा: गौतमबुद्धनगर मे कमिश्नरी सिस्टम बेशक लागू हो गई हो लेकिन पुलिस अपना फर्जी गुडवर्क दिखाने के लिए न सिर्फ फर्जी एनकाउंटर करती है बल्कि फर्जी तरीके से लूट के मुकदमें भी लाद देती है।
ऐसा ही वर्ष 2018 में सूरजपुर थाने की पुलिस द्वारा मु0अ0सं0 551/2015 धारा 379, 411 आईपीसी दर्ज किया गया था और मामले में मोनू पुत्र राम किशन निवासी सूरजपुर, थाना-सूरजपुर, जनपद-गौतमबुदधनगर को मुल्जिम बनाकर पुलिस द्लारा जेल भेज दिया जाता है। जबकि जिस समय की घटना घटित हुई थी उस समय मोनू सूरजपुर थाने में ही दर्ज 329/2018 अं0 धारा 398, 401, 307, 34 आईपीसी के जुर्म में जेल में निरुदध था।
सुनिए मोनू की मां के पुलिस पर आरोप
मामले में मोनू के अधिवक्ता की दलीलों को दृष्टिगत रखते हुए मोनू को अविलंब जेल से छोड़ने का आदेश दिया और साथ में विवेचक लोकेश को नोटिस फेजकर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा। अब विवेचक लोकेश कोविड की वजह से न्यायालय में आने से बचते चले आ रहे हैं और न्यायालय आते भी हैं तो जैसे ही उनका नाम पुकारा जाता है वह न्यायालय से भाग खड़े होते हैं। और इसी वजह से पूरे जिले की पुलिस मोनू के पीछे पड़ी हुई है।
नीचे देखें कोर्ट का ऑर्डर जिसमें मोनू को अविलंब रिहा करने का आदेश दिया गया था
ताजा खबर यह है कि मोनू को पुलिस द्वारा 25 अप्रेल 2022 को बिना कारण बताए गिरफ्तार कर लिया गया है। खबर यह भी है कि उसे सूरजपुर और बीटा थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बाद भी उसे कोर्ट में पेश नहीं किया गया है।