नोएडा: जिला कारागार नोएडा में बंद और जेल के रेडियो का आरजे विचाराधीन कैदी अजय राघव द्वारा की गई एक गलती आज उनके जीवन के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं है। वैसे तो कानून की नजर में किसी भी शख्स को तब तक दोषी नहीं माना जाता जब तक उसे कोर्ट मुजरिम करार ना दे दे। लेकिन कभी-कभी जो परिस्थितियां इंसान के जीवन में उत्पन्न होती हैं उसके लिए वह कहीं ना कहीं खुद ही जिम्मेदार रहता है और ऐसे ही गलती कर दी थी।
नोएडा जिला कारागार के रेडियो जॉकी अजय राघव ने वर्ष 2019 में ऐसी ही गलती कर दी थी। अजय राघव और दिल्ली मेट्रो में जेई के पद पर तैनात स्वाति एक दूसरों को चाहने लगते हैं। 2018 में दोनों शादी करके नोएडा के केंद्रीय विहार में रहने लगते हैं।
स्वाति (अजय राघव की पत्नी)
स्वाति (अजय राघव की पत्नी)
अजय राघव की सासू मां और स्वाति की मां के मुताबिक पहले तो सब कुछ ठीक-ठाक था लेकिन शादी के कुछ ही दिनों बाद अजय और स्वाति के बीच लड़ाइयां होनी शुरू हो गई। इस दौरान अजय व उसके परिजनों के द्वारा कई बार स्वाति की हत्या करने की कोशिश की गई लेकिन उन लोगों को नाकामी मिली लेकिन 2019 में स्वाति की गला घोट कर हत्या कर दी जाती है।
स्वाति की पोस्ट मार्टम रिपोर्ट
अपनी लाडली बेटी को खो चुके पाते की मां अपनी तकलीफ बताते बताते रो पड़ती है और कहती है कि इस दुनिया में उनकी बेटी थी जो उनके दुख सुख को पूछा करती थी। उनके ऊपर पहले से ही उनके पति यानी कि उनके ससुरालियों द्वारा अत्याचार किया जा रहा था वह अपनी बेटी स्वाति और अपने बेटे को लेकर अपने मायके में रह रहे थीं।
स्वाति ने अपनी सारी पढ़ाई बैंक से लोन लेकर पूरी की थी। स्वाति में बीटेक की पढ़ाई की थी और वह दिल्ली मेट्रो में जूनियर इंजीनियर के पद पर तैनात थी। उन्होंने बताया कि अगर आज उनकी बच्ची जिंदा होती तो वह एसडीओ होती। स्वाति के मां अजय और उनके परिजनों पर कई आरोप लगाए और खबर4इंडिया से मदद की अपील की है। उन्होंने पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं खबर4इंडिया पूरे मामले की जांच कर रही है और जो भी चीजें सामने आएंगी वह प्रेषित की जाएंगी।
अजय राघव की सासू मां और स्वाति की मां ने आरोप लगाया है कि अजय राघव द्वारा किसी शख्स को उनके पास भेज कर उन्हें केस वापस लेने की हिदायत दी गई है। स्वाति की मां का कहना है कि एक शख्स उनके पास हाल ही में आया था जो कि अभी जल्दी में ही जेल से छूटा है और वह राघव के पास रहता था। वह उनसे आकर केस को वापस लेने की बात कह रहा था और अजय राघव द्वारा भेजे गए संदेश को बता रहा था। वह एक तरफ राघव को माफ करने की बात कह रहा था तो दूसरी तरफ यह भी कह रहा था केस करने से कुछ नहीं होगा वह कुछ दिन जेल में रहेगा और जब छूटकर आएगा वह कुछ भी कर सकता है।
खबर4इंडिया यह मानती है कि किसी भी चीज के दो पहलू होते है। एक जो आपको दिखाई देता है और दूसरा पहलू जो आपको तभी दिखाई देगा जब आप उसे देखना चाहेंगे। ऐसे में अगर अजय राघव की तरफ से कोई स्पष्टीकरण आता है तो उसका भी प्रेषण किया जाएगा।
एके शुक्ला लगभग 5 वर्षों से मीडिया में सक्रिय हैं और खबर4इंडिया, खबर4यूपी और भड़ास4नेता के फाउंडर और संपादक हैं। शुक्ला कई समाचार चैनलों में विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं। शुक्ला बेखौफ और परिणाम की चिंता किए बिना जन सरोकार से जुड़ी पत्रकारिता करते रहे हैं।
इस समाचार से जुड़े शिकायत एवं सुझाव हेतु मो. न. 9990486338 पर सम्पर्क किया जा सकता है।
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