सुल्तानपुर/दोस्तपुर: सुल्तानपुर जिले में कुछ ग्राम प्रधानों की इन दिनों चांदी हुई पड़ी है। प्रधानों द्वारा कॉलोनी बनाने, शौंचालय निर्माण करने,मनरेगा मजदूरों के हक के पासे खाने समेत कई अनैतिक काम कर रहे हैं। ऐसे ही ग्राम प्रधानों में शामिल है दोस्तपुर ब्लॉक के कोहरा ग्रामसभा के ग्राम प्रधान जगदीश प्रसाद राजभर।
प्रधान जगदीश प्रशाद राजभर मनरेगा मजदूरों से और खासकर बाहर से आए प्रवासी मजदूरों से मनरेगा में नाम रजिस्ट्रेशन कराने से लेकर कॉलोनी के मजदूरी तक के पैसे जो कि आम लोगों और मनरेगा मजदूरों के अधिकार हैं खा जा रहे हैं। ब्लॉक में तैनात कर्मचारियों की मिलीभगत से प्रधान जगदीस प्रसाद राजभर जमकर मलाई काट रहे हैं।
सबसे बड़ी बात यह भी देखने को मिली है कि अगर कोई सवर्ण इन जनाब के खिलाफ आवाज उठाता है तो ये उसे एससी/एसटी एक्ट में फंसाने की भी धमकी देते हैं। जब इन जनाब से कोई सम्पर्क साधना चाहता है तो उसपर ही तमाम आरोप लगा देते हैं। जब ग्रामसभा कोहरा के लग अपनी तकलीफ मीडिया से साझा करते हैं तो ये जनाब उन लोगों को अपना दुश्मन बताते हैं।
मनरेगा में रजिस्ट्रेशन के नाम पर 600-600 की मांग
खबर4इंडिया ने भी प्रधान जगदीस प्रसाद राजभर की बात पर गौर किया तो ऐसा महसूस किया कि हो सकता है कि विपक्षी इनके खिलाफ षणयंत्र रच रहे हों लेकिन इस बीच एक ऑडियो हमारे पास आता है और उसमें प्रधान जी मनरेगा में प्रवासी मजदूरों का मनरेगा में रजिस्ट्रेशन कराने के नाम पर 600-600 रुपए की मांग करते पाए जाते हैं।
कॉलोनी निर्माण की नहीं मिली मजदूरी
प्रधानमीं आवास योजना के तहत रतिराज नाम के एक शख्स को कॉलोनी मिलती है। कॉलोनी बनकर तैयार भी हो चुकी है लेकिन आज दिन तक मजदूरी के नाम पर सिर्फ 6000 रुपए ही मिल सके हैं, जबकि मजदूरी की रकम 15,000 रुपए होती है। यानि यहां भी प्रधान जी 9,000 रुपए डकार गए। ऐसे और भी कई कारनामें हैं प्रधान जगदीश प्रशाद राजभर के।