प्रतापगढ़ (खबर4इंडिया): एक तरफ अधिकांश खाकीधारी इन दिनों लोगों की सेवा में जी जान से जुटे हैं तो दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी हैं जो रिश्वत खाकर अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं। ताजा मामला यूपी के प्रतापगढ़ जिले के पट्टी थाना का है, जहां के थानाध्यक्ष बदमाशों से नोटों की गड्डी लेकर बैठ गए हैं और उन्हें संरक्षण दे रहे हैं।
जी हां! कुछ ऐसा ही इन दिनों कर रहे हैं पट्टी थाने के थानाध्यक्ष। ये जनाब पहले तो गंभीर मामले में दर्ज होने वाले FIR के NCR में दर्ज करते हैं, ये इनकी पहली गलती है। उसके बाद भी बदमासों को गिरफ्तार करने की बजाय उन्हें संरक्षण देते हैं। मामला ग्राम महोखरी है जहां कुछ दिन पहले दिल्ली से लौटे एक युवक सूरज पाठक को ग्राम पंचायत के आदेश पर क्वारंटीन किया गया था। तबियत खराब होने पर सूरज पाठक दवा लेने समीप के बाजार उडैयाडीह गए और लौटते के क्रम में उनके ही गांव के कुछ दबंगों ने पुरानी रंजिश का बहाना लेकर उनके साथ मारपीट शुरू कर दिया।
सूरज की चीख पुकार सुनकर मौके पर पहुंचे सूरज के भाई अमित पाठक व चाचा गंगा प्रसाद पाठक को भी दबंगों ने मार मारकर अधमरा कर दिया। इस दौरान तीनों पर धारदार हथियार से हमला किया गया। इस दौरान कई वार तीनों पर किए गए। तीनों का इलाज भी अस्पताल में चल रहा है लेकिन मामले में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की बजाय पट्टी थाने की पुलिस ने मामला NCR में दर्ज किया।
घायल सूरज उसके भाई और चाचा को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन थानाध्यक्ष के आंखों पर रिश्वत की ऐसी पट्टी बंधी हुई है जो शायद खुल नहीं रही है और ना ही पीड़ितों की तकलीफ उन्हें समझ आ रही है। पूरी वारदात के बारे में खुद पीड़ित क्या कह रहा है और पीड़ितों की हालत कैसी है वह आप खुद इस समाचार के साथ प्रेषित किए गए वीडियो में देख सकते हैं।
हम यह भी बता दें कि अब पीड़ित की मेडिकल रिपोर्ट भी आ चुकी है बावजूद इसके अभी तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। अब ऐसे में यह देखना दिलचश्प होगा कि कब पट्टी थाने के थानाध्यक्ष की आंख से रिश्वतखोरी का चश्मा उतरता है और वह कब पीड़ित के साथ इंसाफ करते हैं।